हमने उन्हें गुफ्तगू के लिए जो सरोकार किया ,
तो उन्होंने बा-मुलायजा बा-अदब होशियार किया .
(फिर मैंने सोंचा )आपके होश-ओ-अंदाज खतरनाक नजर आते हैं ,
बातों से गवार ,चेहरे से चोर और पोशाक से नेता नजर आते हैं.
तो Interview शुरू हुआ
और हमने कहा-
नेताजी आपकी क्या कद्रदानी है ,जीत रहे हैं ,
लोग पेट काट के जीते हैं ,आप किडनी निकल के सी रहे हैं !
कहीं घाटा ,कहीं घोंटा तो कहीं घोटाला है ,
दिशाएँ गूँज रही हैं बस आपका ही बोलबाला है .
तो नेताजी बोले -
अब हमें क्या पाता था बात इतनी भारी हो जाएगी ,
रिजर्वेशन देना ही महा-मारी हो जाएगी .
होली के सरे रंग पवित्र हैं ,खेल लो
क्या पाता था नेतागिरी का रंग गाली हो जाएगी .
"पर हम सुधार इस व्यवस्था में लाएँगे "
हमारी अर्थ -व्यवस्था भी "प्राण -प्यारी" हो जाएगी .
घोटाला हुआ तो क्या , हमने भी लालू से सीखा है
यही अगले चुनाव की नारे -बाजी हो जाएगी .
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