Kuchh Kshanikaen

Wednesday, March 24, 2010

दोजख का नेता

पहुचे दोजख में मर खप के एक नेता ,
ख्वाब जल गया उनका बनने का विश्व विजेता.
साथ ही पंहुचा था नेता जी का एक चेला
देख नेता जी को फट से वो बोला,
नेता जी, नीचे तो आपने खूब नरक मचाया
(और अब देखो है ऊँट पहाड़ के नीचे आया)

तो नेता जी बोले,
क्या करें रस्सी तो जली पर बल नहीं जाता
औ राजनीति का शबाब बुढापे पे है हुस्न पे आता.


मर गया तो क्या अब यहाँ गुल खिलाऊंगा
नरक में लडूंगा चुनाव और यमराज से भिड जाऊंगा
करो खूब तैयारियां, प्रचार ऐसा करवाऊंगा
होगी यम की जमानत जब्त,और मै यम्मा यम्मा गाऊंगा.

चेला बड़ा तेज, बड़ा कमबख्त था,
प्रचार में बुलाई सभा,काम का बड़ा सख्त था.
तो नेता जी भाषण में बोले,
यम ने तुमको क्या दिया,तेल कडाई में भुना रखता है.
तुम सब अपने घुटनों पे औ वो भैंसे पे चलता है.
कैसा यहाँ क्राइम है सुंदरियाँ भी नहीं आती हैं
भूत पिशाच का वास है, शाम में लाइट भी गुल हो जाती है.
कंकड़ वाली दाल यहाँ, चारो तरफ कंगाली है
रहने की कोई व्यवस्था नहीं, कलियुग में पोपुलेशन बड़ा ली है.

जो तुम मुझको जितवाओ, तो मै नक्शा   चेंज कराऊंगा.
यम को हटाऊंगा गद्दी समै उसमे जम जाऊंगा,
दुष्ट सभा भी होगी तब, मै सुंदरियाँ बुलवाऊंगा
बस डिस्को डांस चलेगा तब , मदिरा फ्री में बत्वाऊंगा.

ये देख यम दर स थर्राया ,
झट से गणों की एक सभा बुलाया,
और बोला, अब नेता अत्ति कर जाएगा
मेरी होगी जमानत जब्त और ये मृत्यु मंत्री बन जाएगा.

तब एक गण बोला के सौदा कर लीजिये
चुनाव को मारिये गोली समझौता कर लीजिये
दानवो स निपट लेते थे ये कैसा नेता है
कोई अच्छी पोस्ट देके फिर नीचे भेज दीजिये.
कोई अच्छी पोस्ट देके फिर नीचे भेज दीजिये........

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